काम के
उपरांत जीवन

“हमेशा सप्ताहांत के कुछ खेल, मस्ती, स्वतंत्रता और आश्चर्य के पलों को अपने सप्ताह और अपने काम के बीच भी समय दें और कभी भी इतना व्यस्त न हों कि आप जीवन जीना भूल जाएं। सार बस जीवन की गुणवत्ता और काम, परिवार और आराम के समय के बीच एक सुखद संतुलन खोजना है।”

धनंजय की मारवाड़, राजस्थान और भारत के इतिहास में गहरी रुचि है और वह प्राचीन अंतर-क्षेत्रीय आंदोलनों को गहराई से जानना चाहते हैं, जिसके कारण भारत के विभिन्न क्षेत्रों में लोगों का सांस्कृतिक आत्मसात हुआ है।


वे पेशे से एक होटल व्यवसायी हैं और खींवसर ग्रुप ऑफ होटल्स के निदेशक हैं, जिन्हें ‘नेशनल ग्रैंड हेरिटेज अवार्ड फॉर एक्सीलेंस’ (यह पर्यटन विभाग, भारत सरकार द्वारा किसी भी विरासत संपत्ति को दी जाने वाली सर्वोच्च मान्यता है) प्राप्त हैं।

गहरा जूनून.......

वे डाई-कास्ट मॉडल के संग्रहकर्ता हैं और स्वयं ही मॉडल को असेंबल करने में काफी समय बिताते हैं। उन्हें एरो-मॉडलिंग में भी दिलचस्पी है। उनके सबसे बड़े जुनून में से एक विंटेज ऑटोमोबाइल्स की मरम्मत है जिससे वे अपनी पूर्वावस्था में आ सकें।


खींवसर में उनके घर पर विंटेज गैरेज ऑटोमोबाइल में दिलचस्पी रखने वालों के लिए एक जन्नत है।

 
उनकी देखरेख में ही यहां मौजूद हर कार को उसकी पूर्व स्थिति में लाया गया है और धनंजय ने इन कारों के सड़क पर आने के समय से लेकर एकत्र किए गए कई वृतांतों को दुनिया में कारों के इतिहास और भारत में उनके उपयोग के लिए एक दिलचस्प सबक के लिए बनाया है।

 
हमारी प्राचीन कलाओं और प्राचीन वस्तुओं के अध्ययन में भी उनकी रूचि है। उन्हें उम्मीद है कि भारत सरकार ऐतिहासिक महत्व की सभी महत्वपूर्ण कलाकृतियों को वापस लाएगी, जिन्हें भारत से बाहर निर्यात किया गया था। धनंजय का मानना है कि हर युवा को भारत की संस्कृति और इतिहास का सम्मान करना चाहिए और उस पर गर्व होना चाहिए।

काम और काम, अभी भी खेलने का समय है

धनंजय अपना खाली समय पियानो बजाने और किताबें पढ़ने में बिताते हैं। भागवत गीता पढ़ने से उन्हें मैदान में एक लंबे दिन के बाद आराम करने जैसी राहत मिलती है। वह खगोल विज्ञान और अँधेरे आकाश में अनगिनत खगोलीय पिंडों पर भी मोहित होते हैं। जबकि, उनके पास अक्सर हेडफ़ोन या माइक्रोफ़ोन होता है जो संगीत के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।

 

धनंजय का जानवरों के प्रति प्रेम अटूट है। यह कुछ ऐसा है जो आपके दिल को पिघला देता है और बिना कोशिश किए ही उस प्रेम को अंदर तक भर देता है। यह उनके मानवीय पक्ष की सबसे महान विशेषताओं में से एक है जो हमें यह बताता है कि वे किस तरह के इंसान हैं ।


जिनमें कोई सन्देश छुपा हो, वे वृत्तचित्र और फिल्में उनके दिल के करीब हैं और इसलिए वह भी अपने विचारों को सभी के बीच साझा करने के लिए कुछ लिख रहे हैं।

खेल की कहानियाँ

क्रिकेट, स्क्वैश, टेनिस, फुटबॉल और फॉर्मूला-1 धनंजय के पसंदीदा खेल होने के साथ वे एक उत्साही खेल प्रशंसक हैं। उन्हें अक्सर क्रिकेट खेलते हुए देखा जाता है। वह मैराथन में भी भाग लेते हैं और योग और ध्यान के नियमित अभ्यासी हैं।

 
उनके माता-पिता, राजा गजेंद्र सिंह जी और प्रीति कुमारी जी ने जल्दी ही तय कर लिया था कि धनंजय को मेयो कॉलेज, अजमेर जाना चाहिए। वहीं, वे एक उत्साही खिलाड़ी और लेखक साबित हुए। बेस्ट डिबेटर, उत्कृष्टता के कई पदकों के साथ, उन्होंने सभी क्षेत्रों में अपनी योग्यता साबित की है। उन्हें स्क्वैश में भी अनगिनत पदक और अब्दुल वाजिद स्टो मेडल से सम्मानित किया जा चुका है।

 
विभिन्न इंटर स्कूल चैंपियनशिप जीतने के बाद, उन्होंने अंडर 19 नेशनल स्क्वैश चैंपियनशिप में राजस्थान की कप्तानी की। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंटों में भी भाग लिया और पिनांग में मलेशियाई इंटरनेशनल ओपन में तीसरा स्थान हासिल किया।

आज़ाद पंछी

धनंजय ने स्विट्जरलैंड के प्रतिष्ठित इकोले होटलियर ग्लियोन से अपनी स्नातक की डिग्री प्राप्त की। और प्रतिष्ठित होटल ब्लैंका-फोर्ट, बार्सिलोना (स्पेन) और क्राउन प्लाजाए मेलबर्न (ऑस्ट्रेलिया) से कार्यानुभव प्राप्त किया। विदेश में उनकी शिक्षा और तज़ुर्बे ने उन्हें विभिन्न पृष्ठभूमि और संस्कृतियों के लोगों के साथ कुशलतापूर्वक प्रबंधन और बातचीत करने में मदद की।


धनंजय ने बहुत से देशों की यात्राएं की है और विभिन्न व्यावसायिक और सामाजिक प्रयासों के लिए यूएसएए कनाडा, इंग्लैंड, स्कॉटलैंड, आयरलैंड, स्विट्जरलैंड, स्पेन, इटली, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, फ्रांस, बेल्जियम, नीदरलैंड, मलेशिया, थाईलैंड आदि का दौरा किया है।

गैलरी